Ba Aur Bapu (बा और बापू)
About The Book
मेरी पत्नी के प्रति अपनी भावना का वर्णन यदि मैं कर सकूँ, तो ही हिन्दू धर्म के प्रति अपनी भावना का वर्णन मैं कर सकता हूँ। मेरी पत्नी मेरे अंतर को जिस प्रकार हिलाती है, उस प्रकार दुनिया की दूसरी कोई भी स्त्री उसे नहीं हिला सकती। उसके लिए ममता के एक अटूट बन्धन की भावना दिन-रात मेरे अंतर में जाग्रत रहती है। – बापू मुझे जैसा पति मिला है वैसा तो दुनिया में किसी भी स्त्री को नहीं मिला होगा। मेरे पति के कारण ही मैं सारे जगत में पूजी जाती हूँ। – बा